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चीन की जनसांख्यिकी संबंधी चिंता बढ़ी, पिछले साल आबादी 20 लाख 80 हजार कम हुई

China Population Decrease: चीनी सरकार ने अपने यहां जनसंख्या कम होने पर चिंता जताई है. चीन की पिछले सा 20 लाख की आबादी घट गई है. चीन के ज्यादातर लोग बच्चे नहीं चाह रहे हैं.  

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चीन की जनसांख्यिकी संबंधी चिंता बढ़ी, पिछले साल आबादी 20 लाख 80 हजार कम हुई
Siraj Mahi|Updated: Jan 17, 2024, 02:41 PM IST
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China Population Decrease: चीन की जनसंख्या कम हो गई है. इस पर यहां की सरकार ने चिंता जताई है. चीन की जनसंख्या 2023 में 20 लाख 80 हजार घटकर 1.4097 अरब रह गई और भारत अपने पड़ोसी देश को पछाड़कर 2023 में दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है. चीन के बुधवार को जारी वार्षिक आधिकारिक आंकड़े में यह जानकारी दी गई. चीन की आबादी लगातार दूसरे साल कम हुई है.

छह दशक में आई गिरावट
देश में सत्तारूढ़ 'कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना' ने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए ‘केवल एक संतान’ की नीति का दशकों तक सख्ती से पालन किया जिसके कारण जन्म दर में काफी कमी आई और चीन की आबादी में छह दशक में पहली बार 2022 में गिरावट आई. विशेषज्ञों ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की आबादी में आने वाले सालों में और कमी आने का अनुमान जताया है. 

नहीं चाहते संतान
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) के आंकड़ों के अनुसार, भारत पिछले साल 142.86 करोड़ आबादी के साथ चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल चीन में 90 लाख 20 हजार बच्चों का जन्म हुआ, जो 2022 (95 लाख 60 हजार) से 5.6 प्रतिशत कम है. चीन में कई दंपति संतान नहीं चाहते और इसलिए जन्म दर गिर रही है.

तीन संतान नीति लागू
चीन ने 1949 के बाद से जन्म दर का रिकॉर्ड रखना शुरू किया था और तब से अब तक 2023 में सबसे कम जन्म दर रही. पिछले साल प्रत्येक 1,000 लोगों पर 6.39 जन्म हुए जबकि 2022 में यह संख्या 6.77 थी. चीन ने मई 2021 में ‘तीन संतान नीति’ लागू की और जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कई कदम हुए. लोग देर से शादी कर रहे हैं और कई लोग संतान पैदा नहीं करने का विकल्प भी चुन रहे हैं. 

कोरोना के दौरान हुई मौतें
इसके अलावा पढ़ाई और पालन-पोषण के अत्यधिक खर्च के की वजह से ज्यादातर लोग केवल एक ही संतान की नीति का पालन कर रहे हैं. इसकी वजह से 2016 से चीन की जनसंख्या वृद्धि दर धीमी हो रही है. हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की खबर के मुताबिक, पिछले साल एक करोड़ 11 लाख लोगों की मृत्यु हुई, जिससे राष्ट्रीय मृत्यु दर प्रति 1,000 लोगों पर 7.87 हो गई. जनसांख्यिकी विशेषज्ञों ने कोविड-19 के प्रकोप के कारण मृतक संख्या में तेज बढ़ोतरी होने की आशंका जताई थी.

देश के लिए चुनौती
जन्म दर में गिरावट चीन के लिए लंबे समय से आर्थिक और सामाजिक चुनौती बनी हुई है. चीन की औसत आबादी लगातार बुजुर्ग हो रही है, जिसके कारण श्रमिकों की संख्या में कमी आ सकती है और समय के साथ आर्थिक विकास धीमा हो सकता है. इसके अलावा बड़ी संख्या में बुजुर्ग आबादी को सेवाएं प्रदान करने की देश की क्षमता के लिए भी चुनौती पैदा हो सकती है.

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