जुड़वां बहन, पिता पुलिस में... यूपीएससी टॉपर शक्ति दुबे के घर में कौन-कौन?

Amitesh Pandey
Apr 22, 2025

Shakti Dubey Family Members

प्रयागराज की रहने वाली शक्ति दुबे के बारे में हर कोई जानना चाहता है. आखिर कैसे शक्ति दुबे ने कड़ी मेहनत ने सफलता प्राप्‍त की है. शक्ति दुबे की मां ने बताया कि बेटी शुरू से ही पढ़ाई में लगी थी. बेटी की सफलता पर घर वालों में खुशी ठिकाना नहीं है.

घर में कौन-कौन?

शक्ति दुबे मूलरूप से बलिया जिला के बैरिया तहसील के रामपुर गांव की रहने वाली हैं. उनके पिता देवेंद्र द्विवेदी डीपीएस व एडीसीपी ट्रैफिक के पेशकर के पद पर प्रयागराज में तैनात हैं.

जुडवां बहन भी

शक्ति की जुड़वां बहन प्रगति भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगी हैं. उनका छोटा भाई आशुतोष एमसीए कर रहा है. और मां प्रेमा दुबे गृहणी हैं.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन

शक्ति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद वह बनारस चली गईं.

बीएचयू से पढ़ाई

यहां बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से साल 2016 में बायो केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद सिव‍िल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का मन बनाया.

किस विषय का चयन

साल 2018 से शक्ति दुबे पूरी निष्ठा के साथ सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी में जुट गईं. उन्होंने वैकल्पिक विषय के रूप में राजनीति विज्ञान और इंटरनेशनल रिलेशंस का चयन किया.

7 साल की कड़ी मेहनत

इसी विषय के साथ शक्ति दुबे ने परीक्षा में सफलता प्राप्त की. सफलता प्राप्‍त करने के पीछे उनकी 7 साल की कड़ी मेहनत है.

जुडवां बहन भी कर रही तैयारी

घर वालों का सपना है कि शक्ति दुबे की तरह ही दूसरी बेटी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाए. बेटा भी कहीं सफल हो जाए. शक्ति की बहन भी तैयारी कर रही हैं.

पिता बोले

पिता देवेंद्र द्विवेदी ने कहा कि 2023 की परीक्षा में दो नंबर कम होने पर उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया. इससे थोड़ी हताशा हुई, लेकिन हौसला नहीं खोया और तैयारी जारी रखी.

गोल्‍डमेडलिस्‍ट रहीं

उन्‍होंने बताया कि बेटी जब ग्रेजुएशन कर रही थी तब भी गोल्‍डमेडलिस्‍ट थी, जब पीजी की पढ़ाई के लिए बनारस गई तो वहां भी गोल्‍डमेडलिस्‍ट रही. पढ़ाई में शुरू से ही अच्‍छी थी.

साक्षात्‍कार में पूछा था सवाल

एक अकादमी के साथ इंटरव्यू के दौरान जब शक्ति से पूछा गया कि जैसे अयोध्या को राम के लिए और काशी को शिव के लिए देखा जाता है वैसे ही प्रयागराज को किस पहचान से देखा जाना चाहिए?.

दिया था ये जवाब

इस पर उन्होंने बड़े गर्व के साथ कहा कि प्रयागराज की पहचान त्रिवेणी संगम से है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती मिलती हैं. यह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक अत्यंत पवित्र स्थल है.

डिस्‍क्‍लेमर

यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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