हम कई बार मंदिर और आश्रम में होने वाले भंडारे का प्रसाद खा लेते हैं, लेकिन हम इस बात से अनजान होते हैं कि ये करने से हमारे पुण्य नष्ट होते हैं. प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि जो प्रसाद दे रहा है, उसके पाप कम होते है और आप यदि उनका प्रसाद ग्रहण करते हैं, तो आप अपने कमाए हुए पुण्य उनको दे रहें हैं. ये वीडियो देखें....
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